b

Thursday, May 21, 2009

Check out “क्या मैं इन्सान नही हूँ ”

कभी-कभी मैं ये सोचता हूँ

क्या मैं इंसान नही हूँ ?

जब मेरी भी दो आँखें है, जब मेरे भी दो हाथ है,

जब मैं भी सोच सकता हूँ, जब मैं भी बोल सकता हूँ,

फिर क्यों लोग मुझे बतलाते है,

क्या मैं इंसान नही हूँ ?

जब मैं भी किसी को चाहता हूँ, जब मेरा दिल भी धड़कता है,

जब मैं भी किसी के लिए रोता हूँ, जब मेरे भी आंसू गिरते है,

जब मुझे भी दर्द होता है, तो क्यों चुप-चाप सब सहता हूँ,

क्या मैं इंसान नही हूँ ?

क्यों लोग मुझे तड़पाते है, दुनिया की इस भीड़ में क्यों तन्हा छोड़ जाते है,

क्यों नही समझते मेरी चाहत को, क्यों वो हमे रुलाते है,

क्यों वो अपनी मजबुरिया आगे लाकर, अक्सर दिल तोड़ जाते है,

कभी-कभी जब मैं रोता हूँ, तो ये सोचने लगता हूँ,

क्या मैं इंसान नही हूँ ?

No comments:

Post a Comment